Subscribe
Sign up to update with our latest Festivals, Occasions and Greetings.
Your email is safe with us. We won't spam.
भारत वर्ष में हिन्दुओ द्वारा मनाए जाने वाले प्रमुख तयोहारो में से एक रथ सप्तमी का महत्वपूर्ण त्योहार भी है और रथ सप्तमी का दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है। रथ सप्तमी का उत्सव हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ महीने के सातवें दिन आता है। माघ के महीने में आने के कारण रथ सप्तमी को माघ सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। कुछ जगह पर इसे सूर्य जयंती और सूर्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।
रथ सप्तमी दो शब्दों रथ और सप्तमी से मिलकर बना है जहां पर रथ शब्द का अर्थ रथ है और सप्तमी शब्द का अर्थ सातवें दिन है अर्थात यह भी माना जाता है कि भगवान सूर्य ने सप्तमी तिथि पर पूरे विश्व को रोशन करना शुरू कर दिया था, इसलिए इस दिन को सूर्य जयंती के रूप में मनाया जाता है।
आप और हम सभी भली भांति जानते है की हम लगातार लंबे समय तक सूर्य को अपनी नग्न आंखों से सीधे नहीं देख सकते हैं, अगर हम ऐसा करते है तो कुछ समय में ही सूर्य की चमक और किरणों से हमारी आँखों के आगे चकाचोंध महसूस होने लगती है और हमे अपनी नजर हटानी पड़ती है| हम सूर्य को केवल अरुणोदय समय (अर्थात सुबह जब सूरज निकल रहा होता है) के दौरान देख सकते हैं। अरुणोदय समय का अर्थ होता है, वह समय जिस समय भगवान सूर्य अपने रथ और सारथी के साथ दिखाई देते हैं, अरुणा भगवान सूर्य के सारथी का नाम है। अरुणा का अर्थ होता है लाल, सुर्ख और तीखा। ऐसा माना जाता है कि अरुणा उगते समय सूर्य की लाल चमक की एक अलग विशेषता होती है।
रथ सारथी और रथम को महत्व देते हुए सूर्य सप्तमी को रथ सप्तमी का नाम दिया गया है। हम मानते हैं कि भगवान सूर्य अपने रथ पर 365 दिन पृथ्वी के चारो ओर घूमते रहते हैं। यदि हम उन्हें यहाँ देखने में असमर्थ हैं, तो इसका मतलब वह कही दूसरी जगह दिखाई दे रहे होते है। इसका अर्थ है की भगवान् सूर्य बिना किसी विराम के अपने रथ का उपयोग पूरे वर्ष करते रहते है| इसलिए रथ को महत्व देते हुए सप्तमी के दिन सूर्य भगवान ने अपनी किरणों से दुनिया को रोशन करना शुरू किया था, इसे रथ सप्तमी नाम दिया गया था।
यह माना जाता था कि भगवान सूर्य के रथ में सात घोड़े होते हैं। उन सात घोड़ों के नाम गायत्री, बृहती, उषनी, जगती, त्रिशबत, अनुशुभुत और पंचति हैं।
भगवान सूर्य मानव जीवन के स्रोत हैं, इसीलिए हम सूर्य को भगवान मानते हैं,हिन्दुओ के अनुसार सूर्य भगवान को एक महत्वपूर्ण देवता माना जाता है। लोग भगवान सूर्य को स्वास्थ्य और धन का प्रदाता के रूप में मानते हैं। इसलिए सूर्य की पूजा सुबह की जाती है जो हमारी ऊर्जा को फिर से जीवंत करने और हमारे शरीर और दिमाग को शुद्ध करने में मदद करता है। यह वैज्ञानिक रूप से भी साबित हो चूका है कि सुबह के समय सूर्य के संपर्क में आने से हमारे शरीर को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। इसलिए बहुत सारे लोग सुबह जल्दी उठकर सूर्य की किरणों से लाभ पाने के लिए सूर्य नमस्कार करते हैं।
हिंदू ज्योतिष और पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य को सबसे महत्वपूर्ण तत्व माना जाता है, इसलिए उसे नवग्रहों के केंद्र में रखा गया है। भगवान सूर्य को बहादुरी, शक्ति, साहस, अधिकार और प्रसिद्धि के लिए जाना जाता है। उन्हें तीन नक्षत्र अर्थात् कृतिका, उत्तरा फाल्गुनी और उत्तरा आषाढ़ के लिए भगवान के रूप में भी माना जाता है।
यहां तक कि हिंदू धर्मग्रंथ में भी यह उल्लेख किया गया था कि सूर्य हमारे ग्रहों से घिरा हुआ है। वेदों में भी सूर्य और ग्रहों की विशेषताओं का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। ऐसा माना जाता है कि रथ सप्तमी के दिन सूर्य दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ता है। तो इस दिन भगवान सूर्य को बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पूजा जाता है।
रथ सप्तमी के दिन भगवान सूर्य का जन्म ऋषि युगल कश्यप और अदिति के घर में हुआ था| इसलिए काफी लोगो का मानना है कि इस दिन भगवान सूर्य से प्रार्थना करने से उन्हें सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
1. पौराणिक कथाओ में से एक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में यशोवर्मा नामक एक राजा थे। लेकिन काफी लम्बे समय के बाद भी राजा के पास कोई संतान नहीं थी| राजा काफी परेशान थे, फिर उन्होंने भगवान सूर्य की पूजा की और भगवान सूर्य के आशीर्वाद से उन्हें पुत्र प्राप्त हुआ, लेकिन राजा का पुत्र अक्सर बीमार रहता था। राजा अपने पुत्र के स्वास्थ को लेकर काफी चिंतिंत रहते थे, तभी एक संत ने राजा को सलाह दी कि आपके पुत्र को आपके पिछले पापो की सजा मिल रही है, इसीलिए आपको अपने सभी पिछले पापों से मुक्त होने के लिए रथ सप्तमी पूजा करनी चाहिए, तब राजा ने रथ सप्तमी पूजा की और फिर उनके पुत्र का स्वास्थ्य बिलकुल ठीक हो गया था।
2. एक मिथक के अनुसार रथ सप्तमी के दिन भीष्म पितामह ने अपनी अंतिम सांस ली थी।
3. एक और मिथक के अनुसार भगवान राम को ऋषियों ने सलाह दी थी की वो रावण से युद्ध करने से पहले भगवान सूर्य की पूजा करें, जिससे भगवान सूर्य आपकी जीत को सुनिश्चित करने का आशीर्वाद आपको देंगे।
4. एक अन्य कथा के अनुसार राजा संत्रित ने भगवान सूर्य की उपासना मणि सामंतकामणि को प्राप्त करने के लिए की थी, जिसे उन्होंने भगवान कृष्ण और सत्यभामा को उनके विवाह के उपलक्ष पर दे दी थी।
रथ सप्तमी के दिन हमें सबसे पहले सूर्योदय से पहले उठ कर घर साफ़ सफाई करके स्नान करना चाहिए फिर भगवान सूर्य की पूजा करनी चाहिए। महिलाऐं भगवान सूर्य की 7 घोड़ो के रथ वाली तस्वीर के सामने रंगोली बनाती है। रथ सप्तमी के दिन इरुक्कम के पत्ते का अलग महत्व होता है, महिलाएं 7 इरुक्कम के पत्ते लेकर उनके उनके थोड़े से कच्चे चावल और चुटकी भर भर हल्दी सभी पत्तो पर रख देती है,फिर नहाते समय उनमे से एक पत्ता सिर पर, दो कंधे पर, दो घुटने पर और दो पैर पर रखे जाते हैं और पवित्र स्नान किया जाता है। पुरुष नहाने के लिए हल्दी के बिना केवल एरकम के पत्ते और चावल का उपयोग करते हैं।
प्राचीन समय में यह अनुष्ठान नदियों में किया जाता था, लेकिन अब यह अरुणोदय के समय घर पर ही किया जाता है,उसके बाद सूर्यदेव भगवान की पूजा की जाती है।भारत में काफी सारे मंदिर है,जो केवल भगवान सूर्य के सम्मान में बनवाए गए हैं। इस दिन कुछ लोग भगवान सूर्य के मंदिरों में जाकर पूजा करते है और कुछ लोग घर पर ही पूजा करते हैं| रथ सप्तमी के उत्सव पर पूजा करने के लिए भगवान सूर्य की मूर्ति या पेंटिंग, फूल, फल, बिना पके हुए चावल, तिल, सुपारी, नारियल, गुड़, हल्दी पाउडर, कुमकुम इत्यादि की जरुरत होती है| भगवान सूर्य को सुपारी, नारियल, गुड़, फूल, फल, बिना चढ़े चावल और तिल चढ़ाकर पूजा की जाती है। पूजा के बाद नारियल, सुपारी, केला और फलों के साथ-साथ नैवेद्यम के लिए चक्करा पोंगल और वड़ा तैयार किया जाता हैं।
यह भी माना जाता है कि इस रथ सप्तमी के दिन उपवास रखने से आपको अपने पापों से मुक्ति मिल जाती है और आपके जीवन में आने वाली नकारात्मकता को दूर होती है| कुछ लोगों का मानना है कि इस दिन जरूरतमंदों को भिक्षा और दान देने से हमें मोक्ष को प्राप्त करने में मदद मिलती है।
मकर संक्रांति 14 जनवरी 2021 को मनाई जाएगी दक्षिण भारत में मकर संक्रांति 4 दिन तक चलने वाला एक लंबा त्योहार है और जिसमे पहले…
थाईपुसम 28 जनवरी 2021 को मनाया जाएगा यह त्यौहार ज्यादातर तमिल समुदाय के हिंदू लोगों द्वारा मनाया जाता है। थाईपुसम के त्योहार को थाइपोसम के…
सममक्का सरलाम्मा जथारा 12 फरवरी 2022 को मनाया जाएगा (आवृत्ति: हर 2 साल मे) सममक्का सरलाम्मा जथारा भारत के तेलंगाना राज्य में मनाए जाने वाले…
16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी मनाई जाएगी तीथि आरंभ: 03:36 AM मंगलवार (16 फरवरी) टिथी समाप्त: 05:46 AM बुधवार (17 फरवरी) वसंत वसंत पंचमी…
19 फरवरी 2021 को रथ सप्तमी मनाई जाएगी भारत वर्ष में हिन्दुओ द्वारा मनाए जाने वाले प्रमुख तयोहारो में से एक रथ सप्तमी का महत्वपूर्ण…
होली 9 और 10 मार्च 2020 को मनाई जाएगी होली के जश्न में राधा-कृष्ण की भूमिका जैसा कि यह सभी जानते हैं, भगवान कृष्ण अपने…
महा शिवरात्रि 11 मार्च 2021 को मनाई जाएंगी भारत वर्ष में महा शिवरात्रि हिन्दुओ के प्रमुख त्योहारो में से एक है, महा शिवरात्रि का अर्थ…
भारत में नवरात्रि 2020 शनिवार 17 अक्टूबर से शुरू होकर रविवार 25 अक्टूबर को समाप्त होगा नवरात्रि हिंदू का पवित्र त्योहार है। यह नौ रातों…
राम नवमी 2 अप्रैल 2020 को मनाई जाएगी राम नवमी को हिंदू या वैदिक त्योहार भी माना जाता है जो हर साल चैत्र नवरात्रि के…
महावीर जयंती 6 अप्रैल 2020 को मनाई जाएगी महावीर जयंती जैन समुदाय का सबसे महत्वपूर्ण और धार्मिक त्योहारों में से एक है । यह २३वे…
हनुमान जयंती 27 अप्रैल 2021 को मनाई जाएगी चैत्र माह के बीच पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती की सराहना की जाती है। हनुमान, जिन्हें अन्यथा…
उगादी (गुड़ी पड़वा) 13 अप्रैल 2021 को मनाई जाएगी उगादी त्योहार ज्यादातर तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के लोगों द्वारा मनाया जाता है। इस राज्य…
बिहू 14 अप्रैल से 20 अप्रैल 2020 तक मनाया जाएगा बिहू असम में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक काफी लोकप्रिय त्योहार है।…
गणगौर महोत्सव 15 अप्रैल 2021 को मनाया जाएगा भारत में गणगौर त्योहार ज्यादातर राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात में मनाया जाता है।…
28 अप्रैल 2020 को स्कंद षष्ठी मनाई जाएगी स्कंद षष्ठी कथा: भारत के दक्षिण में स्कंद षष्ठी को बहुत ही ख़ुशी और हर्षो उल्लास के…
बुद्ध पूर्णिमा या वेसाक महोत्सव 7 मई 2020 को मनाया जाएगा दुनिया भर में भगवान बुद्ध के जन्मदिन को बुद्ध जयंती, बुद्ध पूर्णिमा या वेसाक…
2 जून 2020 को गायत्री जयंती मनाई जाएगी पूर्णिमा तीथी शुरू होती है - 03:45 PM 14 अगस्त, 2019 को पूर्णिमा तीथि समाप्त - 05:59…
रथ यात्रा 23 जून 2020 को मनाई जाएगी रथयात्रा का त्योहार भारत में सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है, जो कि ज्यादातर उड़ीसा राज्य…
तेलंगाना में बोनालु 2020 रविवार 28 जून से शुरू होगा और रविवार 19 जुलाई को समाप्त होगा बोनालु दक्षिण भारत के तेलंगाना क्षेत्र का एक…
23 जुलाई 2020 को हरियाली तीज मनाई जाएगी भारत में हरियाली तीज हिंदू महिलाओ के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है जो उत्तर भारतीय राज्यों उत्तर…
25 जुलाई 2020 को नागपंचमी मनाई जाएगी भारत में नागपंचमी एक पारंपरिक त्योहार है जिसे चंद्र कैलेंडर के श्रावण मास के पांचवें दिन (पंचमी) को…
25 जुलाई 2020 को कलकी जयंती मनाई जाएगी शास्त्रों में कहा गया है कि जब कलयुग में धर्म का अंत अपने चरम पर होगा तब…
30 जुलाई 2020 को श्रावण पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी श्रावण पुत्रदा एकादशी के बारे में: श्रावण मास में शुक्ल पक्ष के दौरान पड़ने वाली एकादशी…
वरलक्ष्मी व्रत पूजा 31 जुलाई 2020 को मनाया जाएगा भारत में हिन्दुओ के लगभग हर एक दिन कोई न कोई पर्व होता ही है उनमे…
रक्षा बंधन 3 अगस्त 2020 को मनाया जाएगा “भाई बहन का रिश्ता ऐसा है जिसमे वो एक दूसरे के दिल में क्या है बहुत अच्छी…
6 अगस्त 2020 को कजरी तीज मनाई जाएगी दिलचस्प बात यह है कि कजरी तीज को छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है,…
11 अगस्त 2020 को कृष्णा जन्माष्टमी मनाई जाएगी “भारत में जन्माष्टमी एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो की हिंदुओं के भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न…
17 अगस्त 2020 को सिन्हा संक्रांति मनाई जाएगी सिन्हा संक्रांति: उत्सव के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए सिन्हा संक्रांति को सिंह संक्रांति के नाम…
21 अगस्त 2020 को हरतालिका तीज मनाई जाएगी भारत वर्ष में हरतालिका तीज का त्यौहार बहुत हर्षो उल्लास से मनाया जाता है | हरतालिका तीज…
वराह जयंती 21 अगस्त 2020 को मनाई जाएगी "वराह भगवान, जो भगवान विष्णु के तीसरे अवतार के रूप में जाने जाते है ।" वराह भगवान…
गणेश चतुर्थी 22 अगस्त 2020 को मनाई जाएगी "ओम गम गणपतये नमः शरणम गणेश” "भगवान गणेश आपके जीवन में आपके लिए स्वास्थ्य, धन, ज्ञान और…
ओणम 2020 शनिवार 22 अगस्त से शुरू होगा और बुधवार 2 सितंबर को समाप्त होगा भारत के केरल राज्य में मलयालम कैलेंडर के पहले महीने…
ऋषि पंचमी 23 अगस्त 2020 को मनाई जाएगी ऋषि पंचमी का महत्व: ऋषि पंचमी को भारत में काफी हर्षो उल्लास से मनाया जाता है जो…
26 अगस्त 2020 को राधा अष्टमी मनाई जाएगी श्री राधा का जन्म हुआ था और यह माना जाता है कि वह बरसाना के एक तालाब…
गणेश विसर्जन 1 सितंबर 2020 को मनाई जाएगी भारत में गणेश विसर्जन और इसके पौराणिक महत्व भारत वर्ष में गणेश चतुर्थी का रंगीन और ऊर्जावान…
विश्वकर्माविश्वकर्मा पूजा 16 सितंबर 2020 को मनाई जाएगी विश्वकर्मा - वैदिक इतिहास विश्वकर्मा को ब्रह्मांड के दिव्य अभियंता के रूप में जाना जाता है और…
बतुकम्मा 2020 - गुरुवार 15 अक्टूबर से शुरू होगा और शुक्रवार 23 अक्टूबर को समाप्त होगा बतुकम्मा एक त्योहार है जो तेलंगाना के सभी क्षेत्रों…
दशहरा 25 अक्टूबर 2020 को मनाया जायेगी दशहरा भारत में सबसे उल्लेखनीय त्योहारों में से एक है और यह नवरात्रि के दसवें दिन मनाया जाता…
31 अक्टूबर 2020 को मीराबाई जयंती मनाई जाएगी मीरा बाई भारत की एक महान हिंदू कवि और भगवान कृष्ण की सबसे बड़ी भक्त थीं। मीराबाई…
दिवाली: शनिवार, 14 नवंबर 2020 को मनाई जायेगी दुनिया की हर एक रोशनी खुद के आंतरिक प्रकाश की किरण के साथ भी विपरीत नहीं हो…
कार्तिक पूजा: 16 नवंबर 2020 हिन्दू धर्म में कार्तिक पूजा का महत्त्व बहुत अधिक है, भारत के लगभग सभी राज्यो में कार्तिक पूजा होती है…
© 2018. Amewoo. All Rights Reserved.